The lyrics of “Madina Yaad Aata Hai Lyrics” beautifully express a deep yearning and reverence for the sacred city of Madina. Each verse reflects the profound emotional connection felt by those who long to be in the presence of the Prophet Muhammad (PBUH) and his revered shrine. The heartfelt verses transport listeners to the spiritually rich atmosphere of Madina, evoking memories of serene moments spent in devotion.
در اقدس پہ حال دل سنانا یاد آتا ہے
مدینہ یاد آتا ہے
مدینے میں جو گزرا وہ زمانہ یاد آتا ہے
مدینہ یاد آتا ہے مدینہ یاد آتا ہے
ادب سے بیٹھ کر اس گنبد خضری کے سائے میں
نبیﷺ کی یاد میں آنسو بہانا یاد آتا ہے
رسول اللہﷺ کے دربار میں ان کی محبت میں
وہ میرا روز و شب کا آنا جانا یاد آتا ہے
اویس قرن بولے ماں اجازت دیجیے مجھ کو
جدائی میں تڑپتا ہوں مدینہ یاد آتا ہے
مزار فاطمہؓ پہ کربلا والوں والوں کی یاد آئی
مدینے والے آقاﷺکا گھرانہ یاد آتا ہے
نبیﷺ کے ذکر کی محفل میں آتے ہی مجھے محسن
مدینہ یاد آتا تھا
Madina Yaad Aata Hai Lyrics In English
Dare Akdas Pe Haale Dil Sunana Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Madine Mein Jo Guzra Wo Zamana Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Adab Se Baith Kar Us Gumbade Khazra Ke Saaye Mein
Nabi Ki Yaad Mein Aansu Bahana Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Rasulallah Ke Darbar Mein Unki Muhobbat Mein Ye
Tera Rozo Shab Ka Aana Jaana Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Awes Karn Bole Maa Ijazat Dijiye Mujko
Judaee Mein Tadapta Hun Madina Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Mizare Fatema Pe Karbala Walon Ki Yaad Aaee
Madine Waale Aaqa Ka Gharana Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Nabi Ke Zikr Ki Mehfil Mein Aate Hi Muje Mohsin
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Madina Yaad Aata Hai
Madina Yaad Aata Hai Lyrics In Hindi
मदीना मदीना मदीना मदीना
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है
आँखों में बस गया है मदीना हुज़ूर का
बे-कस का आसरा है मदीना हुज़ूर का
जब से क़दम पड़े हैं रिसालत-मआब के
जन्नत बना हुवा है मदीना हुज़ूर का
फिर जा रहे हैं अहल-ए-मोहब्बत के क़ाफ़िले
फिर याद आ रहा है मदीना हुज़ूर का
आई फिर याद मदीने की रुलाने के लिए
दिल तड़प उट्ठा है दरबार में जाने के लिए
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है
अफ़सोस बहुत दूर हैं गुलज़ार-ए-नबी से
काश! आए बुलावा मुझे दरबार-ए-नबी से
ऐ ज़ाइर-ए-तयबा ! ये दुआ कर मेरे हक़ में
मुझ को भी बुलावा मिले दरबार-ए-नबी से
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है।
दारा-ए-फ़ुर्क़त-ए-तयबा कल्ब-ए-मुज्महिल जाता काश! गुम्बद-ए-ख़ज़रा देखने को मिल जाता
फ़ुर्क़त-ए-मदीना ने वो दिए मुझे सदमें कोह पर अगर पड़ते कोह भी तो हिल जाता
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है मदीना याद आया है, मदीना याद आया है
फ़िराक़-ए-मदीना में दिल ग़म-ज़दा है। जिगर टुकड़े टुकड़े हुवा जा रहा है
रहूं बस इसी राम में बेचैन सरवर ! मुक़द्दर ने जो दाग़-ए-फ़ुर्क़त दिया है
मेरे दिल के अरमां रहे दिल ही दिल में यही ग़म मेरे दिल को तड़पा रहा है
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है।
मेरा ग़म भी तो देखो में पड़ा हूं दूर तयबा से सुकूं पाएगा बस मेरा दिल-ए-मुज्तर मदीने में
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है
जो यूँ मदीने जाता तो कुछ और बात होती कभी लौट कर न आता तो कुछ और बात होती
दीने तो गया था ये बड़ा शरफ़ था लेकिन हम जो टूट जाता तो कुछ और बात होती
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है।
बड़ी उम्मीद है सरकार क़दमों में बुलाएंगे करम की जब नज़र होगी मदीने हम भी जाएंगे
अगर जाना मदीने में हुवा हम ग़म के मारों का मकीन-ए-गुम्बद-ए-ख़ज़रा को हाल-ए-दिल सुनाएंगे
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है।
,
गर ख़ुशी चाहिए तो मदीने चलो
ज़िंदगी चाहिए तो मदीने चलो सारी मस्ती मदीने की गलियों में है कैफ़ सारे का सारा मदीने में है
दिल भी सदके किया
वार दी अपनी जान रूह तस्कीन पाए तो पाए कहाँ
जब के सब कुछ हमारा मदीने में है
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है मदीना याद आया है, मदीना याद आया है
या रसूलल्लाह ! आ कर देख लो या मदीने में बुला कर देख लो
मदीना याद आया है, मदीना याद आया है। मदीना याद आया है, मदीना याद आया है।
مدینہ یاد آتا ہے” کے اشعار مدینہ شہر کے مقدس مقام کی گہرائی سے یاد کی خوبصورتی کو بیان کرتے ہیں۔ ہر آیت نبی محمد صلی اللہ علیہ وسلم اور ان کے مقدس مزار کی موجودگی کی خواہش کو ظاہر کرتی ہے۔ دل کو چھو لینے والے اشعار سننے والوں کو مدینہ کے روحانی ماحول میں لے جاتے ہیں، اور عقیدت میں گزارے گئے پر سکون لمحوں کی یاد دلاتے ہیں۔
The repetitive refrain of “Madina Yaad Aata Hai Lyrics” emphasizes the deep, unending love and reverence for the holy city. The Naat resonates with anyone who has experienced the profound spiritual connection and emotional depth associated with Madina, making it a heartfelt ode to a cherished place of peace and devotion.